Summer School Holiday:उत्तर भारत में तेज गर्मी और लगातार बढ़ते तापमान के कारण अब बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया है – अब सरकारी और प्राइवेट दोनों प्रकार के स्कूल 30 जून 2025 तक बंद रहेंगे।
भीषण गर्मी का कहर
इन दिनों कई राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। लू, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक की घटनाएं बढ़ गई हैं। बच्चों में बुखार, चक्कर और कमजोरी की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे स्कूलों में उपस्थिति भी घट गई है।
जिलाधिकारी का निर्देश
उत्तर भारत के अधिकतर जिलों में प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि:
कक्षा 9 से ऊपर की कक्षाएं सुबह 10 बजे तक ही चलाई जाएं।
आंगनबाड़ी केंद्र सुबह 9 बजे तक ही खुले रहें और पोषाहार वितरण के बाद बंद कर दिए जाएं।
किसी भी स्कूल को बच्चों को देर तक रोकने की अनुमति नहीं होगी।
सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अब कोई अंतर नहीं
पहले जहां सरकारी स्कूल 22 जून तक बंद थे और प्राइवेट स्कूल 15 जून तक, अब दोनों को समान रूप से 30 जून तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। इससे स्कूलों के संचालन में एकरूपता और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
माता-पिता ने लिया राहत की सांस
अभिभावकों ने प्रशासन के इस फैसले की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इतनी गर्मी में बच्चों को स्कूल भेजना खतरनाक हो सकता था। कई माता-पिता ने बताया कि बच्चों को तेज बुखार और कमजोरी हो रही थी, ऐसे में छुट्टियों को बढ़ाना सही कदम है।
अगर गर्मी नहीं थमी तो आगे बढ़ सकती हैं छुट्टियां
जिलाधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यदि मौसम में राहत नहीं मिली तो छुट्टियां और आगे बढ़ाई जा सकती हैं। इसका फैसला मौसम के हालातों को देखते हुए लिया जाएगा।
बच्चों की देखभाल के सुझाव
अभिभावकों को बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए कुछ ज़रूरी उपाय करने चाहिए:
दोपहर के समय बच्चों को बाहर न भेजें।
बच्चों को हल्के, सूती कपड़े पहनाएं।
पर्याप्त पानी, नींबू पानी और फल का रस पिलाएं।
घर के कमरे हवादार और ठंडे रखें।
आदेश नहीं मानने पर होगी सख्त कार्रवाई
प्रशासन ने साफ कहा है कि जो भी स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी SDO, थाने, शिक्षा अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी को आदेश का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
पढ़ाई को लेकर स्कूलों की तैयारी
छुट्टियां बढ़ने से पढ़ाई पर असर न पड़े, इसके लिए कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास, वर्कशीट्स और होम असाइनमेंट की योजना बनाई है ताकि छात्र घर से पढ़ाई जारी रख सकें।
बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए और स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाकर प्रशासन ने यह साबित कर दिया है। भीषण गर्मी के चलते लिया गया यह निर्णय समय पर और सराहनीय है। अभिभावकों, स्कूलों और अधिकारियों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे इस गर्मी में सुरक्षित रहें और उनकी पढ़ाई भी प्रभावित न हो