RBI Guidelines 2025:अगर आप किसी वजह से लोन की EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो घबराइए मत। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025 में ऐसे लोगों के लिए कुछ अहम अधिकार तय किए हैं, जिससे बैंक या रिकवरी एजेंट आपको परेशान न कर सकें। आइए जानते हैं, लोन डिफॉल्ट करने पर आपके कौन-कौन से कानूनी अधिकार हैं।
1. बिना नोटिस कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता बैंक
अगर आप 2-3 महीने की किस्त नहीं भर पाए हैं, तो भी बैंक आपकी संपत्ति तुरंत जब्त नहीं कर सकता। RBI के अनुसार, जब तक लगातार 90 दिन तक EMI नहीं भरी जाती, तब तक अकाउंट को NPA (Non-Performing Asset) नहीं माना जाता।
इसके अलावा, अगर बैंक कोई भी वसूली की कार्रवाई करना चाहता है, जैसे कि आपकी प्रॉपर्टी को बेचने की प्रक्रिया, तो उसे सबसे पहले लिखित नोटिस देना अनिवार्य है।
2. रिकवरी एजेंट की बदतमीजी पर कर सकते हैं शिकायत
RBI ने रिकवरी एजेंट्स के व्यवहार को लेकर भी सख्त गाइडलाइन जारी की है। कोई भी एजेंट सुबह 7 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद आपसे संपर्क नहीं कर सकता। अगर कोई एजेंट आपको बार-बार कॉल करता है, धमकाता है या गाली-गलौच करता है, तो आप इसकी शिकायत सीधे बैंक और RBI को कर सकते हैं।
बैंक ऐसे मामलों में जिम्मेदार होगा और उसे उचित कार्रवाई करनी होगी।
3. प्रॉपर्टी बेचने से पहले 30 दिन का नोटिस अनिवार्य
अगर आपने गिरवी पर लोन लिया है और बैंक आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी करना चाहता है, तो उसे कम से कम 30 दिन पहले पब्लिक नोटिस देना होगा। इस नोटिस में ये जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए:
कौन-सी प्रॉपर्टी नीलाम की जाएगी
नीलामी की तारीख
न्यूनतम आरंभिक बोली की राशि
बिना इस नोटिस के बैंक आपकी संपत्ति नहीं बेच सकता।
4. नीलामी में गड़बड़ी हो तो कोर्ट में चुनौती देने का हक
अगर आपको लगता है कि आपकी प्रॉपर्टी कम कीमत पर बेची गई है, या नीलामी प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी हुई है, तो आप बैंकिंग ट्रिब्यूनल या कोर्ट में इसका विरोध कर सकते हैं।
इसके अलावा, आपको लोन डिफॉल्टर घोषित करने से पहले बैंक को आपको रीपेमेंट का मौका देना होगा।
5. संपत्ति से मिली अतिरिक्त राशि पर भी आपका हक
अगर बैंक आपकी संपत्ति बेचकर लोन की राशि वसूल कर लेता है और फिर भी कुछ पैसा बचता है, तो उस अतिरिक्त रकम पर आपका ही अधिकार है।
आपको एक सरल आवेदन देना होता है, जिसके बाद बैंक उस बची हुई राशि को आपको लौटाने के लिए बाध्य होता है।
इन अधिकारों की जरूरत क्यों पड़ी?
RBI का उद्देश्य है कि जो लोग वाकई मजबूरी में लोन नहीं चुका पा रहे हैं, उन्हें मानसिक और कानूनी उत्पीड़न से बचाया जा सके।
पहले कई मामले सामने आए थे जहां बैंक एजेंटों द्वारा लोगों को धमकाया गया, परेशान किया गया। इन नए नियमों से बैंक को अब हर कदम पर पारदर्शिता और संवेदनशीलता बरतनी होगी।
क्या करें अगर आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं?
सबसे पहले बैंक से बात करें और ईएमआई को दोबारा शेड्यूल कराने की कोशिश करें
यदि आपकी आमदनी घट गई है या नौकरी चली गई है, तो बैंक को लिखित में सूचित करें
किसी भी तरह की धमकी या मानसिक उत्पीड़न की शिकायत करें
जरूरत पड़ने पर वकील की मदद लें
समाधान की दिशा में बातचीत करें और कानूनी प्रक्रिया को समझें
लोन लेना जितना आसान लगता है, उसे चुकाना कई बार उतना ही मुश्किल हो जाता है। खासकर जब कोई मेडिकल इमरजेंसी या आर्थिक संकट आ जाए। लेकिन अब RBI ने लोन डिफॉल्टरों के लिए नए अधिकार देकर बड़ी राहत दी है।
इन अधिकारों को जानना और समझना हर ग्राहक के लिए जरूरी है, ताकि कोई भी बैंक या एजेंट आपको डराकर गलत फायदा न उठा सके