Property ownership:भारतीय समाज में यह आम बात है कि पति अपने वेतन या कारोबार से कमाई गई रकम से संपत्ति अपनी पत्नी के नाम पर खरीदते हैं। कई बार यह टैक्स बचत या पारिवारिक योजना का हिस्सा होता है। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि ऐसी संपत्ति का असल मालिक कौन होता है? हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर एक बड़ा और स्पष्ट फैसला सुनाया है।
क्या है मामला?
एक व्यक्ति ने अपनी वैध आय से दिल्ली और गुड़गांव में दो संपत्तियां अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी थीं। जब संपत्ति पर कानूनी अधिकार का सवाल उठा तो निचली अदालत ने याचिकाकर्ता का दावा खारिज कर दिया। इसके खिलाफ अपील हाईकोर्ट में की गई।
हाईकोर्ट का फैसला क्या कहता है?
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अगर पति अपनी वैध कमाई से पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदता है, तो यह संपत्ति “बेनामी” नहीं मानी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि जब तक पैसा वैध स्रोत से आया हो और सबूत मौजूद हों, तब तक असली मालिक वही व्यक्ति माना जाएगा जिसने पैसा खर्च किया है, भले ही प्रॉपर्टी पत्नी के नाम पर हो।
बेनामी संपत्ति कानून क्या कहता है?
बेनामी संपत्ति लेन-देन (निषेध) कानून, 1988 में संशोधन के बाद (2016), पारिवारिक रिश्तों में किए गए लेन-देन को कुछ शर्तों पर छूट देता है। जैसे अगर पति अपनी वैध आय से पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदता है तो उसे बेनामी नहीं माना जाएगा।
कोर्ट के इस फैसले का क्या मतलब है?
यह फैसला उन हजारों लोगों के लिए राहत है जो अपनी पत्नियों के नाम पर संपत्ति खरीद चुके हैं या ऐसा करने की सोच रहे हैं। यह पारिवारिक संपत्ति विवादों में भी मार्गदर्शन देगा और कानून की स्पष्टता को बढ़ाएगा।
किन बातों का रखें ध्यान?
यदि आप भी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
पैसे का स्रोत वैध हो – सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, ITR जैसे दस्तावेज जरूर रखें।
एक लिखित समझौता बनाएं – यह साफ हो कि धन किसका है और मालिकाना हक किसका रहेगा।
लेन-देन पारदर्शी हो – हर स्टेप में दस्तावेज तैयार रखें और बैंक के माध्यम से भुगतान करें।
परिवार के साथ चर्चा करें – पारदर्शिता से भविष्य के विवादों से बचा जा सकता है।
कानूनी सलाह लें – संपत्ति खरीदने से पहले वकील की राय लेना समझदारी है।
अदालत की चेतावनी
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि इस छूट का दुरुपयोग न हो। अगर कोई व्यक्ति अवैध कमाई को छुपाने के लिए यह तरीका अपनाता है, तो वह कानून के तहत सज़ा का हकदार होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला संपत्ति स्वामित्व को लेकर कानूनी स्पष्टता देता है। अगर आप पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदना चाहते हैं तो यह पूरी तरह वैध है – बशर्ते पैसा वैध हो और रिकॉर्ड स्पष्ट हो। पारदर्शिता और दस्तावेज़ीकरण ही ऐसे मामलों में आपकी सबसे बड़ी ताकत है