New UPI Rule:डिजिटल पेमेंट आज हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। लोग रोजाना करोड़ों ट्रांजैक्शन Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे UPI ऐप्स से करते हैं। लेकिन अब नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कुछ नए नियमों की घोषणा की है, जो 31 जुलाई 2025 से लागू हो जाएंगे। ये बदलाव सीधे तौर पर आपके दैनिक लेन-देन पर असर डाल सकते हैं। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में विस्तार से।
1. बैंक बैलेंस चेक करने पर अब लगेगी सीमा
अब आप एक दिन में एक ऐप से केवल 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे। यह संख्या सामान्य उपयोग के लिए पर्याप्त है, लेकिन जो व्यापारी या बिजनेस से जुड़े लोग बार-बार बैलेंस जांचते हैं, उनके लिए यह सीमा परेशानी बन सकती है।
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि पीक ऑवर्स यानी सुबह 10 से 1 बजे तक और शाम 5 से रात 9:30 बजे तक बैलेंस चेक की सुविधा बंद रह सकती है। यह वही समय है जब लोग सबसे ज्यादा UPI का इस्तेमाल करते हैं।
2. ट्रांजैक्शन स्टेटस देखने पर भी सीमा लागू
अब किसी भी एक ट्रांजैक्शन का स्टेटस आप दो घंटे में अधिकतम तीन बार ही देख सकेंगे। अक्सर पेमेंट फेल या पेंडिंग होने की स्थिति में लोग बार-बार चेक करते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं कर पाएंगे।
यह बदलाव खासकर दुकानदारों और उन लोगों के लिए चुनौती बन सकता है जो तात्कालिक पुष्टि चाहते हैं कि पेमेंट आया या नहीं।
3. UPI ऑटोपे में भी होंगे बड़े बदलाव
आजकल लोग Netflix, Amazon Prime जैसी सब्सक्रिप्शन सेवाओं और SIP जैसे निवेशों के लिए UPI ऑटोपे का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब से यह सुविधा केवल नॉन-पीक ऑवर्स यानी कम ट्रैफिक समय में ही काम करेगी।
अगर आपका ऑटोपे टाइम पीक ऑवर्स में है, तो पेमेंट अटक सकता है। इसके अलावा, हर ऑटोपे मैन्डेट के लिए तीन बार प्रयास की सीमा होगी। अगर तीन बार में पेमेंट नहीं हुआ, तो वह फेल माना जाएगा।
4. बैंकों को अब बढ़ानी होगी जिम्मेदारी
नए नियमों के तहत, अब हर सफल ट्रांजैक्शन के बाद बैंक को तुरंत बैलेंस अलर्ट भेजना होगा। इससे ग्राहक को बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं होगी।
इसके साथ ही अगर कोई ट्रांजैक्शन किसी तकनीकी गड़बड़ी से अटका है, तो बैंक को उसे तुरंत फेल घोषित कर देना होगा ताकि ग्राहक को लंबे समय तक इंतजार न करना पड़े।
5. क्यों किए जा रहे हैं ये बदलाव?
NPCI के मुताबिक, बीते कुछ सालों में UPI ट्रांजैक्शन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। खासकर कोविड के बाद लोग डिजिटल पेमेंट की ओर तेजी से बढ़े हैं।
हर दिन अरबों रुपये के ट्रांजैक्शन होते हैं। पीक ऑवर्स में तो स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है। कई बार ऐप्स काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे में इन नियमों का मकसद सिस्टम को संतुलित और तेज बनाना है।
6. इस बदलाव से क्या होगा फायदा?
मुख्य सेवाओं जैसे पैसे भेजना या प्राप्त करना बेहतर ढंग से काम करेंगी।
UPI सिस्टम का लोड घटेगा, जिससे ऐप क्रैश या ट्रांजैक्शन फेल जैसी दिक्कतें कम होंगी।
तकनीकी व्यवस्था और बैंकों की सर्विस क्वालिटी बेहतर होगी।
हालांकि शुरुआत में यह बदलाव असुविधाजनक लग सकते हैं, लेकिन लंबे समय में ये कदम UPI सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित, स्थिर और भरोसेमंद बनाएंगे।