FASTAG System Ends:भारत में टोल वसूली के लिए इस्तेमाल होने वाला FASTAG सिस्टम अब बंद होने की तैयारी में है। केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसे खत्म कर एक नया और आधुनिक GPS आधारित टोल सिस्टम (GNSS) लागू करने का फैसला लिया है। आइए जानते हैं इस बदलाव से क्या फर्क पड़ेगा और नई प्रणाली कैसे काम करेगी।
क्या है नया टोल सिस्टम?
नई टोल वसूली प्रणाली Global Navigation Satellite System (GNSS) तकनीक पर आधारित है। इसमें वाहन में एक Onboard Unit (OBU) लगाई जाएगी जो सैटेलाइट से जुड़ी रहेगी। यह यूनिट वाहन की लोकेशन और मूवमेंट को ट्रैक करेगी और जितनी दूरी वाहन टोल मार्ग पर तय करेगा, उसी हिसाब से टोल कटेगा।
अब टोल कैसे कटेगा?
इस नए सिस्टम के तहत टोल फिक्स रेट पर नहीं, बल्कि यात्रा की गई दूरी के आधार पर वसूला जाएगा। यानी अगर आप कम दूरी तय करते हैं, तो आपको उतना ही भुगतान करना होगा। इससे ज्यादा भुगतान करने की समस्या खत्म हो जाएगी।
कब से होगा लागू?
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि GNSS प्रणाली पहले 1 अप्रैल 2025 से लागू की जानी थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें देरी हुई। अब यह सिस्टम जल्द ही चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और आने वाले कुछ महीनों में देशभर में इसे पूरी तरह से अपनाया जाएगा।
क्यों खत्म हो रहा है FASTAG?
FASTAG की शुरुआत 2016 में हुई थी ताकि टोल प्लाजा पर लंबी लाइनें कम हों और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिले। हालांकि अब सरकार और आधुनिक तकनीक अपनाकर टोल प्रक्रिया को और आसान और पारदर्शी बनाना चाहती है। इसलिए अब यह नया GNSS सिस्टम लाया जा रहा है।
GNSS सिस्टम कैसे काम करेगा?
वाहन में GNSS आधारित यूनिट (OBU) लगाई जाएगी
जैसे ही वाहन टोल मार्ग पर चलता है, उसकी दूरी GNSS के जरिए मापी जाएगी
इस दूरी के हिसाब से टोल बैंक खाते या वॉलेट से अपने आप कट जाएगा
इसमें प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों विकल्प उपलब्ध होंगे
नए सिस्टम के फायदे
सिर्फ उपयोग की गई दूरी का भुगतान – बेवजह ज्यादा टोल नहीं कटेगा
टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं – सफर में समय की बचत
ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी
GPS ट्रैकिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी – फर्जीवाड़ा रुकेगा
सीधा बैंक या वॉलेट से भुगतान – भुगतान प्रक्रिया आसान होगी
पेमेंट कैसे होगा?
GNSS प्रणाली में आपका वाहन डिजिटल भुगतान प्रणाली से लिंक रहेगा। आप चाहें तो बैंक अकाउंट, UPI, या डिजिटल वॉलेट को जोड़ सकते हैं। जैसे ही आप टोल मार्ग पर सफर शुरू करेंगे, टोल की राशि अपने आप कट जाएगी।
क्या FASTAG पूरी तरह से बंद हो जाएगा?
शुरुआती चरण में FASTAG और GNSS दोनों एक साथ चलेंगे। यानी जिन लोगों के पास अभी GNSS यूनिट नहीं है, वे कुछ समय तक FASTAG से भुगतान कर सकते हैं। लेकिन भविष्य में FASTAG को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा और GNSS को अनिवार्य कर दिया जाएगा।
जरूरी सुझाव
अपनी गाड़ी में समय पर GNSS यूनिट लगवाएं
डिजिटल भुगतान विकल्प पहले से सेट कर लें
NHAI या परिवहन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर नई अपडेट चेक करते रहें
स्मार्ट सफर की ओर एक और कदम
सरकार का यह कदम भारत को स्मार्ट रोड नेटवर्क की ओर ले जा रहा है। टोल प्रणाली में पारदर्शिता, सटीकता और सुविधा आने से न सिर्फ वाहन चालकों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार को भी स्वच्छ और प्रभावी राजस्व प्रणाली का लाभ मिलेगा। आने वाले समय में FASTAG की जगह GPS आधारित GNSS टोल सिस्टम पूरी तरह लागू होगा, जिससे टोल भुगतान का अनुभव एकदम नया और स्मार्ट हो जाएगा।