Bhagya Lakshmi Yojana:उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीब परिवारों की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बेहद सराहनीय योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम है भाग्यलक्ष्मी योजना (Bhagya Lakshmi Yojana)। इस योजना का उद्देश्य बेटियों को शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर प्रोत्साहित करना है ताकि किसी भी लड़की को सिर्फ आर्थिक कारणों की वजह से अपने सपनों से समझौता न करना पड़े।
क्या है भाग्यलक्ष्मी योजना?
भाग्यलक्ष्मी योजना खासकर उन परिवारों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर (BPL – गरीबी रेखा से नीचे) आते हैं। इस योजना के तहत, जब किसी बेटी का जन्म होता है, तो उसके नाम पर सरकार ₹50,000 की फिक्स्ड डिपॉजिट कर देती है।
इसके अलावा, बच्ची के टीकाकरण पर ₹1000 प्रति डोज के हिसाब से सहायता दी जाती है। पढ़ाई के दौरान भी सरकार कई बार वित्तीय मदद देती है, ताकि बच्ची की शिक्षा बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके।
पढ़ाई के हर पड़ाव पर मिलती है आर्थिक सहायता
इस योजना में बेटी की पढ़ाई के हर स्तर पर उसे आर्थिक सहायता दी जाती है। जैसे-जैसे वह कक्षा में आगे बढ़ती है, सरकार अलग-अलग रकम देती है। उदाहरण के तौर पर:
कक्षा 1 – ₹2000
कक्षा 3 – ₹3000
कक्षा 6 – ₹5000
कक्षा 8 – ₹5000
कक्षा 10 – ₹7000
इस तरह पढ़ाई के हर मुख्य पड़ाव पर सरकार का सहयोग मिलता रहता है।
18 साल की उम्र में मिलती है पूरी राशि
अगर बेटी 18 साल की उम्र तक अविवाहित रहती है, तो उसे पूरी ₹50,000 की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि मिल जाती है। इस पैसे का इस्तेमाल वह आगे की पढ़ाई या करियर बनाने में कर सकती है। ये रकम बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
भाग्यलक्ष्मी योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं:
बच्ची का जन्म पंजीकृत अस्पताल या मान्यता प्राप्त मेडिकल संस्थान में हुआ होना चाहिए।
माता-पिता के पास गरीबी रेखा (BPL) का प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
बच्ची की शादी 18 साल से पहले नहीं होनी चाहिए।
बच्ची की स्कूल में नियमित उपस्थिति जरूरी है।
इस योजना का लाभ एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों को ही मिलेगा।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना में आवेदन करना बहुत ही सरल है:
नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास कार्यालय जाएं।
वहां से आवेदन फॉर्म लें और उसमें मां-बाप और बेटी से संबंधित जानकारी भरें।
साथ में ये जरूरी दस्तावेज़ लगाएं:
बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र
माता-पिता का आधार कार्ड
BPL प्रमाण पत्र
टीकाकरण कार्ड
स्कूल से जारी प्रमाण पत्र
बैंक खाता विवरण (बेटी या माता के नाम से)
फॉर्म जमा करने के बाद, जब सारे दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो प्रक्रिया शुरू हो जाती है और बेटी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट बना दी जाती है।
योजना से बेटियों को क्या लाभ?
पढ़ाई और टीकाकरण के लिए आर्थिक मदद
आत्मनिर्भर बनने का मौका
सामाजिक बराबरी और पहचान
बेटियों के प्रति समाज का नजरिया बदलता है
अपनी बेटी का भविष्य बनाएं सुरक्षित
भाग्यलक्ष्मी योजना एक ऐसा प्रयास है जो गरीब परिवारों की बेटियों को समाज में आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की राह दिखाता है। अगर आपके घर में भी कोई बेटी है और आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।
इससे न सिर्फ आपकी बेटी को शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में लड़कियों के प्रति सोच भी बदलेगी। सरकार की यह पहल साबित करती है कि “बेटी बोझ नहीं, भविष्य है