FASTag की छुट्टी! आ गया नया GNSS सिस्टम, जानिए कैसे काम करेगा :GNSS Toll System

GNSS Toll System:अगर आप अक्सर अपनी गाड़ी से हाईवे पर सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत अहम है। सरकार ने FASTag सिस्टम को धीरे-धीरे बंद करने और उसकी जगह एक नया हाईटेक सिस्टम GNSS Toll System लागू करने की तैयारी कर ली है। अब टोल देना और भी आसान और सटीक होने वाला है – जितना सफर, उतना ही टोल!

GNSS सिस्टम क्या है?

GNSS का पूरा नाम है Global Navigation Satellite System। यह एक सैटेलाइट-आधारित तकनीक है जो आपकी गाड़ी की लोकेशन को ट्रैक करती है। इस सिस्टम के तहत गाड़ियों में OBU (On-Board Unit) नाम की एक डिवाइस लगाई जाएगी। यह डिवाइस यह पता लगाएगी कि आपने टोल रोड पर कितनी दूरी तय की और उसी के अनुसार टोल कटेगा।

FASTag को धीरे-धीरे किया जाएगा बंद

FASTag सिस्टम 2016 में शुरू हुआ था और इसे बड़े पैमाने पर अपनाया गया। लेकिन अब सरकार इससे एक कदम आगे बढ़ रही है। GNSS सिस्टम को पहले कुछ चुनिंदा हाईवे पर ट्रायल के तौर पर लागू किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे इसे पूरे देश में फैलाया जाएगा। एक बार GNSS पूरी तरह से लागू हो गया, तब FASTag सिस्टम बंद कर दिया जाएगा।

Also Read:
सरकार का आदेश – 19 जून को सभी कर्मचारियों को मिलेगी छुट्टी, जानें क्यों :Public Holiday Declared

GNSS सिस्टम की प्रमुख खूबियाँ

  • कोई टोल प्लाजा नहीं: अब टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं।

  • सही टोल: जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल देना होगा।

  • कम जाम: टोल प्लाजा पर लाइन नहीं लगेगी, जिससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।

    Also Read:
    EMI नहीं देने पर अब बैंक नहीं करेगा परेशान – RBI के नए नियम जानिए :RBI Bank Loan Rules
  • सीधी कटौती: टोल सीधे आपके बैंक या UPI वॉलेट से कटेगा।

  • कम टोल चोरी: हर वाहन की मूवमेंट GNSS से ट्रैक होगी।

भुगतान कैसे होगा?

OBU डिवाइस को बैंक अकाउंट या UPI वॉलेट से लिंक करना होगा। यात्रा शुरू करते ही डिवाइस सफर की दूरी मापेगी और उसी अनुसार टोल की कटौती हो जाएगी। ग्राहक इसे प्रीपेड या पोस्टपेड किसी भी मोड में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक और ट्रांसपेरेंट होगी।

Also Read:
रेलवे का बड़ा फैसला: तत्काल टिकट के लिए अब जरूरी होगा आधार और OTP :Railway Tatkal Ticket New Rule

कब से लागू होगा GNSS सिस्टम?

सरकार ने पहले इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह तारीख टाल दी गई। अब उम्मीद है कि 2025 के अंत तक देश के प्रमुख हाईवे पर यह सिस्टम पूरी तरह लागू हो जाएगा।

वाहन मालिकों को क्या करना चाहिए?

जो लोग हाईवे पर नियमित रूप से सफर करते हैं, उन्हें जल्द ही OBU डिवाइस लगवाने की तैयारी करनी चाहिए। यह डिवाइस सरकार द्वारा अधिकृत डीलर या NHAI के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाएगी। भविष्य में यह डिवाइस सभी गाड़ियों के लिए अनिवार्य हो सकती है।

GNSS सिस्टम के लाभ आम जनता को

GNSS Toll System सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि भारत को स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की ओर ले जाने वाला बड़ा कदम है। यह न केवल यात्रियों के लिए सफर को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि सरकार के लिए राजस्व और निगरानी को भी मजबूत करेगा।

Also Read:
संपत्ति विवाद खत्म! सुप्रीम कोर्ट ने कहा शादीशुदा बहन की जमीन पर नहीं है भाई का अधिकार :Supreme Court Property Rights

Leave a Comment