Toll Tax New Rule:भारत में हाईवे और टोल रोड्स के माध्यम से सफर करना आज आम हो गया है। लेकिन टोल टैक्स से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां ऐसी हैं जो अगर आपको पता हों, तो आप अनावश्यक टोल टैक्स देने से बच सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा लागू किया गया “10 सेकंड नियम” एक ऐसा ही नियम है, जो यात्रियों को सुविधा और अधिकार दोनों प्रदान करता है।
10 सेकंड वाला टोल टैक्स नियम क्या है?
NHAI के नियम के मुताबिक, यदि कोई वाहन टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से ज्यादा इंतजार करता है, तो उस वाहन को टोल टैक्स लिए बिना गुजरने दिया जाना चाहिए। यह नियम यात्री समय की बचत और टोल प्लाजा की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लागू किया गया है।
गिनती कब शुरू होती है?
जब वाहन टोल बूथ के सामने रुकता है, उसी समय से 10 सेकंड की गिनती शुरू होती है।
100 मीटर लाइन वाला नियम क्या कहता है?
टोल प्लाजा पर एक और नियम भी लागू है – 100 मीटर प्रतीक्षा लाइन का। यदि टोल बूथ पर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से अधिक लंबी हो जाती है (जिसे पीली लाइन से चिह्नित किया जाता है), तो उस स्थिति में भी वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जा सकता।
इस नियम का उद्देश्य है यात्रियों को जाम और अनावश्यक देरी से बचाना।
इन दोनों नियमों का उद्देश्य क्या है?
यात्री समय की बचत करना
टोल प्लाजा की कार्यप्रणाली में सुधार
डिजिटल सिस्टम (FASTag) को बढ़ावा देना
भीड़भाड़ को कम करना
यात्रियों को उनके अधिकारों से सशक्त बनाना
FASTag और डिजिटल भुगतान की भूमिका
भारत सरकार ने FASTag को टोल भुगतान के लिए अनिवार्य कर दिया है। यह एक RFID टेक्नोलॉजी आधारित डिजिटल टोल कलेक्शन सिस्टम है। FASTag की मदद से वाहन बिना रुके टोल क्रॉस कर सकते हैं।
हालांकि, कई बार तकनीकी गड़बड़ी या नेटवर्क की समस्या के कारण FASTag स्कैन नहीं हो पाता, और इससे लाइनें लग जाती हैं। ऐसी स्थिति में ही “10 सेकंड” और “100 मीटर” जैसे नियम बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
यदि नियमों का पालन न हो तो क्या करें?
अगर टोल प्लाजा पर कर्मचारी इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो आप इन तरीकों से शिकायत कर सकते हैं:
NHAI की हेल्पलाइन: 1033 पर कॉल करें
शिकायत में शामिल करें: टोल प्लाजा का नाम, समय, तारीख, गाड़ी नंबर, और घटना का विवरण
वीडियो या फोटो सबूत रखें: यदि संभव हो तो इंतजार का वीडियो बनाएं
शांति से व्यवहार करें: टोल कर्मचारियों से झगड़ने के बजाय नियमों की जानकारी दें
स्थानीय पुलिस से सहायता लें, यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए
टोल व्यवस्था में हो रहा है सुधार
अब भारत में GPS आधारित टोलिंग सिस्टम पर भी काम हो रहा है जिससे भविष्य में टोल प्लाजा की जरूरत ही नहीं रहेगी।
टोल वसूली प्रणाली में AI और Machine Learning जैसी तकनीकें शामिल की जा रही हैं।
टोल पेमेंट पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा, जिससे कैश लेन-देन और भ्रष्टाचार खत्म होगा।
जागरूकता है सबसे बड़ा हथियार
बहुत से वाहन चालक इन नियमों से अवगत नहीं होते, इसलिए वे बेवजह टोल टैक्स दे देते हैं। सरकार को चाहिए कि टोल प्लाजा पर सूचना बोर्ड लगाकर यात्रियों को उनके अधिकारों की जानकारी दे। साथ ही:
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जाए
ड्राइविंग लाइसेंस की ट्रेनिंग में इन नियमों को शामिल किया जाए
सरकारी ऐप्स और वेबसाइट्स पर ये जानकारी दी जाए
यदि आप भारत में हाईवे पर सफर करते हैं, तो 10 सेकंड नियम और 100 मीटर कतार नियम को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। ये नियम यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करते हैं और टोल व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाते हैं। अगली बार जब आप टोल प्लाजा पर पहुंचें, तो इन नियमों को ध्यान में रखें — और जरूरत पड़ने पर अपने अधिकारों का प्रयोग अवश्य करें।