8th Pay Commission:देशभर के 48 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी लंबे समय से वेतन वृद्धि की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब उनके लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद से उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों की मूल सैलरी में ₹37,000 या उससे अधिक की बढ़ोतरी हो सकती है।
सरकार ने तेज की आयोग गठन की प्रक्रिया
वर्तमान में 7वां वेतन आयोग दिसंबर 2025 तक लागू है। लेकिन सरकार समय रहते नया आयोग गठित करना चाहती है। रिपोर्ट्स के अनुसार चेयरमैन सहित 42 पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार इस बार बिना देरी कर्मचारियों को राहत देना चाहती है।
फिटमेंट फैक्टर से तय होगी नई सैलरी
वेतन आयोग की सबसे अहम बात होती है फिटमेंट फैक्टर। यही तय करता है कि किसी कर्मचारी की सैलरी कितनी बढ़ेगी।
7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था।
8वें वेतन आयोग में इसके 2.86 से 3.68 तक होने की संभावना है।
उदाहरण के लिए, किसी कर्मचारी की वर्तमान मूल सैलरी ₹20,000 है, तो 2.86 फैक्टर से यह बढ़कर ₹57,200 हो सकती है। यानी ₹37,200 का इजाफा।
निचले स्तर के कर्मचारियों को ज्यादा लाभ
कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए यह वेतन वृद्धि और भी फायदेमंद साबित होगी। यदि किसी की मूल सैलरी ₹30,000 है, तो वह 3.68 के फिटमेंट फैक्टर से बढ़कर ₹1,10,400 तक पहुंच सकती है।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा समान लाभ
यह वेतन वृद्धि केवल वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। 65 लाख पेंशनर्स को भी इसका पूरा लाभ मिलेगा। जैसे ही वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी, उसी अनुपात में पेंशन राशि में भी बढ़ोतरी की जाएगी। बुजुर्ग पेंशनर्स के लिए यह बढ़ा हुआ पैसा खासतौर पर स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में मददगार होगा।
भत्तों में भी होगा बड़ा इजाफा
नई सैलरी के साथ-साथ सभी भत्ते – जैसे DA (महंगाई भत्ता), HRA (मकान किराया भत्ता) और TA (यात्रा भत्ता) भी बढ़ेंगे, क्योंकि ये मूल वेतन के प्रतिशत पर आधारित होते हैं। इससे कुल इनकम में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी।
आर्थिक प्रभाव और बाजार में बढ़ेगी मांग
जब करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी बढ़ेगी, तो उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इसका सीधा असर बाजार पर पड़ेगा और मांग में तेजी आएगी। इससे नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हो सकते हैं। हालांकि सरकार पर कुछ वित्तीय बोझ जरूर बढ़ेगा, लेकिन यह दीर्घकालिक निवेश की तरह होगा जो अर्थव्यवस्था को गति देगा।
सरकारी नौकरियों का आकर्षण बढ़ेगा
बेहतर वेतन और सुविधाएं मिलने से अधिक से अधिक युवा सरकारी नौकरी की ओर आकर्षित होंगे। इससे प्रशासन में गुणवत्ता बढ़ेगी और सरकारी सेवाओं की क्षमता में सुधार होगा।
8वें वेतन आयोग की तैयारी से यह स्पष्ट है कि सरकार कर्मचारियों की आर्थिक समस्याओं को लेकर गंभीर है। अगर सभी अनुमानों पर अमल होता है, तो लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएगा। हालांकि अंतिम फैसला आयोग की सिफारिशों और सरकार की अधिसूचना के बाद ही सामने आएगा। तब तक कर्मचारियों को उम्मीद बनाए रखनी चाहिए।