7th pay commission:केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नए नियम के तहत अब उन कर्मचारियों को भी वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा जो वेतन वृद्धि से ठीक एक दिन पहले सेवानिवृत्त हो जाते हैं। इस बदलाव से लाखों कर्मचारियों की पेंशन में सुधार होगा और उन्हें आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित भविष्य मिलेगा।
रिटायरमेंट से पहले की वेतन वृद्धि भी अब पेंशन में शामिल
अब तक जो कर्मचारी 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होते थे, वे अगले दिन यानी 1 जुलाई या 1 जनवरी को मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित रह जाते थे। इस कारण उनकी पेंशन कम हो जाती थी क्योंकि पेंशन की गणना अंतिम सैलरी के आधार पर होती है। लेकिन नए नियम के अनुसार, अब ऐसे कर्मचारियों की पेंशन में काल्पनिक वेतन वृद्धि जोड़ी जाएगी जिससे उनकी पेंशन बढ़ेगी।
क्या है काल्पनिक वेतन वृद्धि?
काल्पनिक वेतन वृद्धि का अर्थ है कि जो वेतन वृद्धि कर्मचारी को 1 जुलाई या 1 जनवरी को मिलती, वह उसे रिटायरमेंट से एक दिन पहले ही मान ली जाएगी। यह वृद्धि केवल गणना के लिए मानी जाएगी, यानी कर्मचारी को इसका कोई बकाया नहीं मिलेगा, लेकिन इससे उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी जैसी सुविधाओं की गणना की जाएगी।
इस बदलाव के पीछे की वजह
यह निर्णय अदालतों के कई फैसलों के बाद लिया गया है। मद्रास हाईकोर्ट ने 2017 में एक ऐसे ही मामले में कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी 2023 और 2024 में स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को काल्पनिक वेतन वृद्धि का लाभ मिलना चाहिए। इन न्यायिक निर्देशों के बाद सरकार ने व्यापक स्तर पर इस नियम को लागू करने का निर्णय लिया।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
इस नियम का लाभ उन सभी केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा जो 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होते हैं। अब उन्हें भी अगले दिन होने वाली वेतन वृद्धि की काल्पनिक गणना के आधार पर पेंशन मिलेगी। इससे उनकी मासिक पेंशन और सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली एकमुश्त राशि दोनों में वृद्धि होगी।
नीति निर्माण में विभागों का सहयोग
यह निर्णय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने लिया है, जिसमें वित्त मंत्रालय और कानून मंत्रालय से भी सलाह ली गई है। इस निर्णय को कानूनी रूप से मजबूत और सभी विभागों में समान रूप से लागू करने के लिए परामर्श प्रक्रिया अपनाई गई है।
कर्मचारियों पर असर
इस बदलाव से न सिर्फ़ मौजूदा रिटायर्ड कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों में भी सकारात्मक भावना फैलेगी। उन्हें यह भरोसा मिलेगा कि सरकार उनके अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इससे कार्यक्षेत्र में संतोष और उत्पादकता दोनों में वृद्धि हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
यह कदम न सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह अन्य राज्य सरकारों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। यदि राज्य सरकारें भी इस नीति को अपनाती हैं तो देशभर के लाखों कर्मचारी लाभान्वित हो सकते हैं।
सरकार का यह कदम कर्मचारियों के लिए एक न्यायपूर्ण और सहानुभूतिपूर्ण नीति की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा। यह निर्णय सरकारी सेवा को अधिक आकर्षक बनाएगा और युवाओं को इस क्षेत्र की ओर प्रेरित करेगा